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नोएल टाटा होंगे टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन
आपको यकीन नहीं होगा, नवरात्रि के इस पावन समय में देशभर के गली-मुहल्लों तक में रामलीलाएं हो रही हैं, इस बीच राजधानी दिल्ली के दिल में एक मंच ऐसा भी है जिस पर बीते सात दशकों से श्रीराम कथा सुनाई, दिखाई और गाई जा रही है.
पीएम मोदी दो बार से वाराणसी सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और वे यहां से तीसरी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं.
कहा जाता है कि प्रधानमंत्री नंगे पांव और नंगे सिर नादिर शाह के सामने पेश हुए और ये शेर पढ़ा-
श्याम रंगीला ने नामांकन रद्द होने पर कहा, ‘मुझ जैसे कई लोग पहली बार जो चुनाव लड़ रहे थे, उन्हें नहीं पता होता. ऐसे में यह काम निर्वाचनअधिकारियों का होना चाहिए कि वो हमें बताएं कि कौन-कौन से दस्तावेज लगाने हैं. अधिकारियों ने कुछ नहीं कहा. सिर्फ चार रसीदें ली, डिपॉजिट रसीद शी और हमें बाहर भेज दिया.
जम्मू कश्मीर चुनाव में हार के बाद क्या होगा पीडीपी और इंजीनियर रशीद का सियासी भविष्य?
यहां रामकथा को अलग-अलग तरीकों से कहे जाने की बात पर जोर दिया गया है. सदियों से रामकथा हर रूप में सामने आती रही है. कोई इसे कहानी की तरह सुना रहा है. कोई गीत की तरह गुनगुना रहा है, कोई कैनवस पर इसके रंग बिखेर रहा है, किसी ने इसे अभिनय तो किसी ने इसे नटनर्तन का विषय बना लिया है.
हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर वायरल थूकने, पेशाब करने और गंदगी फैलाने की वीडियो पर बोलते हुए योगगुरु ने कहा कि ऐसी घटनाओं का मुस्लिम मुल्लों, मौलवियों और धर्मगुरु को आगे आकर बोलना चाहिए.
उनमें अदा रंग और सदा रंग सबसे नामी हैं जिन्होंने ख़्याल-तर्ज़-ए-गायकी को नया मुकाम दिया जो आज भी माना जाता है.
एडवर्टाइज विथ असप्राइवेसी पॉलिसीकॉन्टैक्ट अससेंड फीडबैकअबाउट असकरियर्स थीम
एक बार नाटिका जो शुरू हुई फिर तो मृदंग की थाप के साथ पैरों की चाप संतुलन बनाती get more info जाती है और जैसे-जैसे उंगलियों में हलचल होती, आंखों की पुतलियां तक उसी इशारों में घूम जाती हैं. इनके साथ ही राग का सामंजस्य... भक्ति रस है तो राग पीलू और तिलंग. आह्लाद है तो भूपाली और खमाज, करुणा, वियोग और विषाद तो राग भैरव-भैरवी, जब जैसी प्रकृति तब वैसा राग और वैसे ही भाव.
प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
जी फट गया है रश्क से चसपां लिबास केक्या तंग जामा लिपटा है उसके बदन के साथ
राम जन्म, ताड़का वध, अहिल्या उद्धार, सिया स्वयंवर का भावपूर्ण मंचन